Saturday, October 31, 2015

बारिश के पहले

कविता
बारिश के पहले  
ब्रजेश कानूनगो 

आने से पहले
कुछ और भी चला आता है
सूचना की तरह
जैसे उजाले से पहले
गुलाबी हो जाता है आकाश
  
मानसून के पहले
मेघ आते हैं मुआयना करने
टॉर्च जलाते हुए
बूंदों के पहले कोई अंधड़
अस्त-व्यस्त करता है जीवन

सौंधी महक में लिपटी    
याद आती है तुम्हारी
बारिश से ठीक पहले.   


ब्रजेश कानूनगो
503, गोयल रीजेंसी, चमेली पार्क, कनाडिया रोड, इंदौर -452018
 

 



  




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