Thursday, October 29, 2015

नक्शे में कैलिफोर्निया खोजता पिता

नक्शे में कैलिफोर्निया खोजता पिता

चालीस डिग्री अक्षांश और
एक सौ दस डिग्री देशांतर के बीच में
यहाँ इधर,थोडा हटकर,बस यहीं
यही है कैलिफोर्निया
ज्यादा दूर तो दिखाई नही देता नक्षे में!

उडने के छत्तीस घंटे बाद
फोन किया था बेटी ने
बहुत दूर है कैलिफोर्निया

ईंधन लेने के लिए
यहाँ उतरा होगा विमान
बेटी ने बिताए होंगे
पाँच घंटे अकेले

यहाँ से बदलना पडता है विमान
एक बैग भर ही तो था पास में
सामान तो शिफ्ट कर ही देते होंगे एयरवेज वाले

जरा देखें तो
कैसी है जलवायु कैलिफोर्निया की
बारिश होती है यहाँ कितनी
कितना रहता है सर्दियों में
न्यूनतम तापमान

समुद्री हवाएँ कब बहती हैं इस ओर
तपती तो होगी गर्मियों में धरती
मौसम होते भी हैं या नही
कैलिफोर्निया में




कौनसी फसलें बोते हैं कैलिफोर्निया के किसान
मिल ही जाता होगा बाजार में
गेहूँ और चावल

‘जितने कष्ट कंटकों में है...’
दसवीं कक्षा में पढी कविता की अनुगूंज में
घुल रही है बेटी की आवाज
नक्षे की रेखाओं से होता हुआ
पहुँच रहा है पिता का हाथ
बेटी के माथे तक !




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