बिल्लियों का रोना
रात भर रोती रहीं बिलियाँ
घुटनों का दर्द बढ गया होगा माँ का
पिता की छाती में जकडन फिर होने लग गई होगी
दूर बसे बटे की दुकान में फट पडा होगा कोई बम
दामाद को मिल गया होगा धमकी भरा पत्र
आतंकवादियों से
घबराकर बेटी अपना होश खो बैठी होगी शायद
बिल्लियाँ रोईं थी उस समय
जब मोहल्ले की युवती को उठा ले गए थे कुछ लोग
कारखाने से रिस गए जहर के कारण
पीढियाँ समाप्त हो गईं थीं कइयों की
बिल्लियों का रुदन जीवित है याददाश्त में
जब जन्म दिया था बेटे को चम्पा ने दम तोडते हुए
तेज आँधी से दामोदर की छत गिर पडी थी उसी के
ऊपर
पडोस के मोहन का कंपकपाता शरीर ठंडा हो गया था
अचानक
बाढ आई नदी में बह गए थे मामाजी
तब रोई थीं बिल्लियाँ
बडी संवेदनशील हैं बिल्लियाँ हमारे अन्दर
लाख कोशिशों के बाद रुकता नही रुदन
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