Thursday, October 29, 2015

चिड़िया का सितार


चिड़िया का सितार


चिड़िया फिर चली आई है आँगन में
रोज का आना जारी है चिड़िया का
तब भी आती थी
जब मैं खुद चहकता था चिड़िया की तरह

पिता बहुत प्यार से बिखेर देते थे
अनाज के दानें गोबर लिपे आँगन में
और इंतज़ार करने लगते थे बेसब्री से चिड़िया के आने का
थोड़ी देर में चली ही आती थी चिड़िया
और चुगने लगती बिखरे हुए दानें
कुछ चोंच में समेटकर ले जाती अपने घोसले में भी

कई बार चला आता है चिड़िया के साथ उसका पूरा परिवार

उस दिन भी नहीं भूली थी आना 
घर में आई थी जब एक और प्यारी चिड़िया
खुशियों का सितार लिए    
एक जैसी दिखती थीं दोनों चिड़ियों की आँखें

धीरे धीरे सुरीला संगीत सुनाते हुए
खेल खेल में झपट लिया उसने
चिड़िया को चुगाने का मेरा रोज का काम

चिड़ियों की दोस्ती धूप की तरह बिखरती तो  
कुछ पिघलने लगता था हमारे भीतर
 
खुशी की बात तो यह कि
संगिनी की बिदाई के बाद भी
पेड़ से उतरकर आती रही चिड़िया हमारी खैर खबर लेने

अंतरंग इतने हो गए हैं उससे कि 
खुश होते हैं तो वह 
भी नजर आती है पुलकित
मन उदास हो तो लगता है
गुजर रही है चिड़िया भी किसी दुःख से आज


सुबह सुबह ही आती है चिड़िया
दिन चढ़ने पर फिर से सूना हो जाता है आँगन
शायद चली जाती हो पास के शहर 
सितार बजाने वाली दोस्त से बतियाने
अगली सुबह चिड़िया में खोजते हैं हम
अपनी चिड़िया की ताजा कहानी
जानना चाहते हैं बजाए गए राग के बारे में

बिलकुल सच था हमारा अनुमान
कल जब फोन आया संगिनी का तो पता चला
एक चिड़िया रोज चली आती है भर दोपहर सितार सुनने
पानी-चुग्गा रखा जाने लगा है अब बालकनी में उसके घर 

यह बताते हुए भीग रहा था उसका स्वर
कि अब परदेस में बजाना पडेगा सितार
समझ नहीं पा रहा
कि यह खुशखबरी है या 
दुर्घटना की कोई सूचना
दूरियां बढ़ जाती हैं तो स्थानीय तरंगे
पहुँच नहीं पाती रिसीवर तक आसानी से

चिड़िया के बस में नहीं रहेगा अब खबर लाना 

कैसे जा पाएगी अब चिड़िया
इतनी ताकत नहीं है डैनों में कि उड़ सकेगी इतनी लम्बी दूरी
मुश्किल है सात समुन्दर का फासला तय करना

नहीं...नहीं.. बिलकुल नहीं पहुँच पाएगी वहाँ 
हमारी यह नाजुक देसी चिड़िया

तसल्ली की बात है कि
उम्मीद के कुछ परिंदे देशांतर से अभी भी
आते रहते हैं पर्यटन करने 
भरोसा यह भी है कि
संगिनी बजाएगी सितार
और कर लेगी किसी विलायती चिड़िया से नई दोस्ती


कहीं की भी क्यों न हो
चिड़िया तो बस चिड़िया होती है
सबको डालते रहेंगे दाना बेनागा

करते रहेंगे चिड़िया के आने का इंतज़ार
जब आएगा कोई दिसावर पक्षी
पूछेंगे उससे कि
कैसा बजा रही है बिटिया वहाँ सितार . 

ब्रजेश कानूनगो 503, गोयल रीजेंसी, चमेली पार्क, कनाडिया रोड, इंदौर-452018
 



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